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रविवार, 23 मार्च 2025

मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा पर नया मामला दर्ज, सरकारी नौकरी में हेराफेरी का आरोप

मध्य प्रदेश परिवहन

मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा पहले ही अवैध रूप से करोड़ों की संपत्ति जमा करने के आरोपों में घिरे हुए थे, लेकिन अब उनके खिलाफ एक और गंभीर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी देने के आरोप में केस दर्ज किया है।

करोड़ों की संपत्ति घोटाले में घिरे सौरभ शर्मा

सौरभ शर्मा का नाम पहली बार पिछले साल तब चर्चा में आया जब लोकायुक्त और आयकर विभाग ने उनके घर पर छापा मारा था। इस छापेमारी में उनकी आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ था, जिसमें महंगी गाड़ियां, बेशकीमती जमीनें और बड़ी मात्रा में नकदी शामिल थी। जांच में यह सामने आया कि उन्होंने करोड़ों की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की थी। इसके बाद उनके खिलाफ कई कानूनी कार्रवाइयां शुरू हुईं।

सरकारी नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप

छापेमारी के बाद जब अधिकारियों ने उनकी नौकरी से जुड़े दस्तावेजों की जांच की, तो एक और बड़ा खुलासा हुआ। जांच में पाया गया कि सौरभ शर्मा ने 2015 में अनुकंपा नियुक्ति के तहत परिवहन विभाग में नौकरी हासिल की थी, लेकिन इस प्रक्रिया में उन्होंने गलत जानकारी दी थी। अनुकंपा नियुक्ति के तहत सरकारी नौकरी उन्हीं लोगों को दी जाती है, जिनके परिवार में सरकारी सेवा में कार्यरत किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है। लेकिन शर्मा ने अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर झूठी जानकारी दी और इस सुविधा का दुरुपयोग कर नौकरी प्राप्त की।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

नवीनतम जांच के बाद, पुलिस ने सौरभ शर्मा के खिलाफ नया मामला दर्ज कर लिया है। उन पर सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी करने और गलत जानकारी देकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।

भविष्य में हो सकती हैं और भी जांचें

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला यहीं नहीं रुकेगा। आयकर विभाग और लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर उनकी संपत्ति और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जा सकती है। अगर शर्मा दोषी पाए जाते हैं, तो उनकी नौकरी खत्म हो सकती है और उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है।

निष्कर्ष

सौरभ शर्मा का मामला मध्य प्रदेश में सरकारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का एक बड़ा उदाहरण बनकर उभरा है। पहले ही उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला चल रहा था, और अब नौकरी पाने के लिए गलत जानकारी देने का आरोप भी जुड़ गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस केस में और क्या नए खुलासे होते हैं और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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